16दिसंबर,2021: वर्मा : लुधियाना: कृषि कानूनों के विरोध में बंद किए गए टोल प्लाजा पंजाब में अभी नहीं चलेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं ने ऐलान कर दिया है कि जब तक सरकार बढ़े हुए रेट वापस नहीं लेती है, तब तक टोल प्लाजा बंद रहेंगे और वहां पर प्रदर्शन चलते रहेंगे। पहले आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के उपरांत इसे खोल देना था। मगर ऐसा नहीं हो रहा है।
भारतीय किसान यूनियन उग्राहां से जोगिंदर सिंह उग्राहां और भारतीय किसान यूनियन कादियां से हरमीत कादियां ने ऐलान किया है कि अगले फैसले तक यह टोल बंद रहेंगे। कई टोल प्लाजा पर तो रेट दोगुना कर दिए गए हैं, जिसे बर्दाशत नहीं किया जा सकता है। हमने पहले भी अल्टीमेटम दिया था, मगर इस पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है और अब प्रदर्शन जारी रहेगा।
बठिंडा-चंडीगढ़ रोड स्थित गांव लहरा बेगा के टोल प्लाजा पर इकट्ठा हुए किसानों ने एलान किया कि जब तक पुराने रेट तय नहीं होते तब तक टोल नहीं चलने दिए जाएंगे। इसके अलावा अब पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों का कर्ज माफ करवाने व नरमा की फसल का मुआवजा लेने के लिए संघर्ष शुरू किया जाएगा।
14 माह से बंद हैं पंजाब के टोल प्लाजा
कृषि कानून को लेकर जब सरकार ने कृषि कानूनों के अध्यादेश को कानून में बदला तो किसानों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के टोल प्लाजा बंद कर दिए थे। पिछले 14 माह से यह टोल प्लाजा बंद पड़े हैं। जब सरकार ने कृषि कानून वापिस लिए तो फैसला लिया गया था कि किसान 11 दिसंबर से दिल्ली के बॉर्डर से वापसी करेंगे और 15 दिसंबर को यह टोल प्लाजा खाली कर दिए जाएंगे, मगर मोर्चा के फैसले के बाद अब यह टोल अभी भी बंद रहने वाले हैं।
पंजाब में टोल प्लाजा से करोड़ों का नुकसान टोल प्लाजा चलाने वाली कंपनियों और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को करीब 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।पंजाब में दर्जन से भी ज्यादा ऐसे टोल प्लाजा हैं, यहां पर अक्टूबर 2020 के बाद से टोल नहीं काटी गई है। किसानों के जमावड़े के कारण यहां पर टोल पर्ची का ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि यहां पर लगाए गए साजो सामान का भी नुकसान हुआ है।
