पंजाब: 21सितंबर, 2022: वर्मा: हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का ऐलान आया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा ₹50,000/- का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल, पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा। पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी। बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ फिर दर्ज होगी, नही तो SP / SSP पर कार्यवाही होगी , पत्रकार भीड़ का हिस्सा नही हैं , पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकार के साथ बदसलूकी ना करे। किसी स्थान पर हिंसा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकार को उनके काम करने में पुलिस व्यवधान नही पहुँचा सकती।
पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथ नही कर सकती। पुलिसवालों या अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा। प्रेस काउन्सिल ने देश के केबिनेट सचिव, गृह सचिव, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस सम्बन्ध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट कहा है कि, पत्रकारों के साथ पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की हिंसा बर्दाश्त नही की जायेगी। सरकारें ये सुनिश्चित करें कि पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्यवाही कहीं न हो।
अधिवक्ता मुवक्किल का हत्या का केस लड़ता है पर वह हत्यारा नही हो जाता, उसी प्रकार सावर्जनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं पर वे भीड़ का हिस्सा नहीं होते। पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करन है।
